राजस्थान (देशी राज्यों एवं अजमेर-मेरवाड़ा सहित ) से संविधान सभा के सदस्य
राजस्थान से संविधान सभा में सदस्यों की संख्या एवं सदस्यगण परिवर्तित होते रहे क्योंकि देशी रियासतों के विलय और राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया जल्दी-जल्दी परिवर्तित होती रही थी।
- सर्वप्रथम संविधान सभा की पहली बैठक अर्थात् 9 दिसम्बर, 1946 को चीफ कमिश्नर प्रान्त अजमेर-मेरवाड़ा से मुकुट बिहारी लाल भार्गव ने भाग लिया। मुकुट बिहारी लाल भार्गव उस समय केन्द्रीय विधानसभा के सदस्य होने के कारण संविधान सभा के सदस्य बने क्योंकि 16 मई, 1946 की केबिनेट घोषणा में इसका उल्लेख था। केन्द्रीय विधानसभा के लिए इनका निर्वाचन 1945 के आम निर्वाचन में हुआ था ।
- राजस्थान के देशी राज्यों के कुल 6 प्रतिनिधियों ने सर्वप्रथम 28 अप्रेल, 1947 को संविधान सभा की बैठक में भाग लिया, जो इस प्रकार है:-
(1) उदयपुर : सर टी. विजर्यागावचार्य
(2) जयपुर: सर वी.टी. कृष्णामचारी और पण्डित हीरालाल शास्त्री
(3) जोधपुर : सी.एस. वेंकटाचार और जयनारायण व्यास
(4) बीकानेर : सरदार के.एम. पणिक्कर - भारत विभाजन से उपजी परिस्थितियों के अन्तर्गत 14 जुलाई 1947 को राजस्थान की देशी रियासतों से निम्न प्रतिनिधियों ने भी संविधान सभा की बैठकों में भाग लिया :
(1) उदयपुर: डॉ. मोहन सिंह मेहता और माणिक्य लाल वर्मा
(2) जयपुर: राजा सरदार सिंह जी खेतड़ी
(3) अलवर : डॉ. एन.बी. खरे
(4) कोटा : लेफ्टिनेन्ट कर्नल कुंवर दलेल सिंह
(5) पूर्वी राजपुताना राज्य (Eastern Rajputana States) : महाराजा मान्धाता सिंह, महाराज नगेन्द्र सिंह और गोकुल भाई भट्ट
कुछ देशी राज्यों, यूनियन और प्रान्तों के राजप्रमुख, उपराजप्रमुख तथा प्रधानमंत्रियों (Premiers) की एक बैठक 17 जुलाई, 1948 को सरदार वल्लभ भाई पटेल की अध्यक्षता में हुई। इसमें राजस्थान क्षेत्र से मत्स्य संघ के राजप्रमुख महाराज राणा धौलपुर, राजस्थान संघ (Union) के उपराजप्रमुख कोटा महाराव एवं प्रधानमंत्री माणिक्य लाल वर्मा, मत्स्य संघ के प्रधानमंत्री शोभा राम भी सम्मिलित हुए थे।
इस बैठक में राजस्थान से सम्बन्धित देशी राज्यों और एकीकरण की प्रक्रिया के अधीन राज्यों एवं उनके प्रतिनिधियों का निर्धारण इस प्रकार हुआ :
(1) जोधपुर : राज्य रत्न श्री हरीश चन्द्र और जयनारायण व्यास
(2) जयपुर: वी. टी. कृष्णामाचारी, हीरालाल शास्त्री, राजा सरदार सिंह जी खेतड़ी
(3) बीकानेर: राव बहादुर कंवर जसवन्त सिंह जी
(4) मत्स्य संघ : दोनों स्थान रिक्त माने गये।
(5) संयुक्त राजस्थान (United State of Rajasthan) : लेफ्टिनेन्ट कर्नल दलेल सिंह, एस.बी. रामामूर्थी, महाराज मान्धाता सिंह, बलदेव स्वरूप। (बूंदी जो कि पहले मत्स्य संघ में था, बाद में संयुक्त राजस्थान में आ गया, अतः मत्स्य संघ से प्रतिनिधित्व करने वाले बलदेव सिंह का नाम संयुक्त राजस्थान में जुड़ गया। चूंकि संयुक्त राजस्थान से कुल चार स्थान निर्धारित थे जबकि बलदेव सिंह सहित अब पाँच प्रतिनिधि हो गये। अतः 17 जुलाई, 1948 की इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संयुक्त राजस्थान के सभी स्थान रिक्त मानते हुए पुनर्निर्वाचन कराया जाए)। - इस आधार पर, 4 नवम्बर, 1948 को जहाँ मत्स्य संघ के दो रिक्त स्थानों पर राजबहादुर और रामचन्द्र उपाध्याय ने संविधान सभा की सदस्यता ग्रहण की और बैठक में हिस्सा लिया। वहीं, संयुक्त राजस्थान के लिए 29 नवम्बर, 1948 को तीन सदस्य- बलवन्त सिंह, दलेल सिंह और गोकुल लाल असावा संविधान सभा के पुनः सदस्य बने। जबकि । माणिक्यलाल वर्मा ने 8 दिसम्बर, 1948 को पुनः संविधान सभा रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर किए।
इसी बीच, जोधपुर से पी.एस. राव (P.S. Rau) ने भी 5 नवम्बर, 1948 को संविधान सभा की सदस्यता हेतु संविधान सभा के रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर किए और बैठक में भाग लिया। - बी. शिवा राव “The Framing of India’s Constitu- tion : A Study’ (खण्ड-V) के अनुसार 15 अक्टूबर, 1949 को संयुक्त राजस्थान (United State of Rajasthan) को संविधान सभा में कुल 12 स्थान आवंटित थे (इसमें अजमेर-मेरवाड़ा सम्मिलित नहीं है)। वहीं बी. शिवाराव अपनी इसी कृति में (खण्ड-V) में और राज्य सभा की वेबसाइट (rajyasabhs.nic.in as on 30 नवम्बर, 2020 ) में राजस्थान से संविधान सभा के सदस्यों में निम्नलिखित प्रतिनिधियों का उल्लेख करते हैं:-
(1) वी.टी. कृष्णामाचारी (2) हीरालाल शास्त्री (3) सरदार सिंह जी खेतड़ी (4) जसवन्त सिंह जी (5) राज बहादुर (6) माणिक्य लाल वर्मा (7) गोकुल लाल असावा (8) रामचन्द्र उपाध्याय (9) बलवन्त सिंह मेहता (10) दलेल सिंह (11) जयनारायण व्यास - ज्ञात रहे सिरोही के गोकुल भाई भट्ट पहले बम्बई प्रान्त | से फिर बम्बई राज्य से संविधान सभा के सदस्य रहे। कुछ / समय के लिए वे ‘ईस्टर्न राजपुताना स्टेट्स’ से सदस्य रहे। ।